"उन्नत कृषि सुधार" के तहत कई कदम उठाए जाते हैं, जैसे कि:
- बीज तकनीकी सुधार: इसका मतलब है कि बीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और प्रदान करने के लिए नवाचारिक तकनीकों का उपयोग
किया जाता है।
- खेती की तकनीकी सुधार: यह शामिल है कृषि में उन्नत तकनीकों का उपयोग करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के रूप में
हो सकता है, जिससे उत्पादन में सुधार हो सकता है।
- जलवायु सुधार: कृषि प्रयासों को जलवायु परिवर्तन से संबंधित बदलावों के लिए तैयार करने के लिए कदम उठाए जाते हैं, जैसे कि बारिश
के बाद की प्रबंधन और सूखा प्रबंधन।
- कृषि सामग्री की सुधार: इसका मतलब है कृषि के लिए उपयोगिता वाले सामग्री की गुणवत्ता को सुधारना, जैसे कि खाद, कीटनाशक,
और बीज।
- किसानों की फाइनेंसियल सहायता: किसानों को आर्थिक दृष्टि से समर्थ बनाने के लिए कृषि क्रेडिट, अनुदान, और सरकारी योजनाओं की
प्राथमिकता दी जाती है।
- कृषि प्रौद्योगिकी: यह सुधार तकनीकी और प्रौद्योगिक नवाचारों का उपयोग करके कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए होता है, जैसे कि बीजों का
सुधारना, पोषण, और पेड़-पौधों की सुरक्षा।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: किसानों को नए और अधिक उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कृषि सुधार कार्यक्रम
आयोजित किए जाते हैं।
- आर्थिक समृद्धि: उन्नत कृषि सुधार के माध्यम से, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होती है, जिससे उनकी जीवनस्तर बेहतर होता है।
उन्नत कृषि सुधार का मुख्य लक्ष्य होता है कृषि सेक्टर को साकारात्मक रूप से प्रभावित करना और सामृद्धि लाना,
जिससे खाद्य सुरक्षा और किसानों की आर्थिक सुरक्षा में सुधार हो सके।